चिड़िया!
(एक दिन उड़ जाऊंगी)
चिड़िया हूँ ,एक दिन उड़ जाऊंगी,
मैं आसमा समेट लाऊँगी l
बाहों को फ़ैला के मैं अपनी,
बाबा के गले से लिपट जाऊंगी l
चिड़िया हूँ ,मैं अंगने की तेरे,
चू- चू करती फुर्र होजाऊंगी,
तुम देखना मेरी राह,
तेरे हाथों से चुगने मैं आऊँगी l
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चिड़िया हूँ ,एक दिन उड़ जाऊंगी,
तेरे हाथों से चुगने मैं आऊँगी l
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बाबा तुम क्यों कहते पराया,
पराए से इतना क्यों स्नेह लगाया,
मैं पराई अपने देश को जाऊंगी,
वहाँ तो नहीं ना पराई कह लाऊँगी l
चिड़िया हूँ ,एक दिन उड़ जाऊंगी,
तेरे हाथों से चुगने मैं आऊँगी l
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संसार बना लूगी नया,
नया- नया होगा मेरा जहां,
याद पर मुझे तेरी ही सताएंगी l
तुझसे भी मेरी बिदाई सही तो ना जाएगी l
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बाबा तुम क्यों डरते हो इतना,
मैं अब हूँ; सयानी चिड़िया,
घोसला मैं स्वयं बनाऊँगी l
दाना पानी भी ढुंढ़ ,मैं लाऊँगी l
परेशानी की बात नहीं,
मैं उस घर को अपना बनाऊँगी l
चिड़िया हूँ ,एक दिन उड़ जाऊंगी,
तेरे हाथों से चुगने मैं आऊँगी l
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बाबा तुम मुझे भूल ना जाना,
मैं आऊँ तो लड्डू ले आना,
तेल मेरे माथे पर लगाना,
फ़िर परियों की कहानी सुनना,
बाबा तुम मुझे भूल ना जाना l
नादान चिड़िया हूँ, लड़खड़ा अगर जाऊंगी
बाहों को फ़ैला के मैं अपनी,
बाबा के गले से लिपट जाऊंगी l
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चिड़िया हूँ ,एक दिन उड़ जाऊंगी,
चू चू करती फुर्र होजाऊंगी,
तुम देखना मेरी राह,
तेरे हाथों से चुगने मैं आऊँगी l
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चिड़िया हूँ ,एक दिन उड़ जाऊंगी,
तेरे हाथों से चुगने मैं आऊँगी l
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..सेजल गोस्वामी..