Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Aug 2023 · 1 min read

दोहा

रक्षा बंधन की हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनाएं 🎂💐🌺💐

भ्राता-भगिनी प्रीति का, बंधन यह त्योहार।
कल्याण भाव जग रचें,उन्नत सब संस्कार॥

कच्चे धागों में.. बँधे , बचपन के संगीत।
भ्राता भगिनी प्रीति का,मधु बुनियादी रीत॥

______________अलका गुप्ता ‘भारती’__

Tag: Poem
1 Like · 217 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शेष
शेष
Dr.Priya Soni Khare
आकाश भेद पथ पर पहुँचा, आदित्य एल वन सूर्ययान।
आकाश भेद पथ पर पहुँचा, आदित्य एल वन सूर्ययान।
जगदीश शर्मा सहज
छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर
छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"पता नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
यादें
यादें
Dr fauzia Naseem shad
चैत्र नवमी शुक्लपक्ष शुभ, जन्में दशरथ सुत श्री राम।
चैत्र नवमी शुक्लपक्ष शुभ, जन्में दशरथ सुत श्री राम।
Neelam Sharma
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कांतिमय यौवन की छाया
कांतिमय यौवन की छाया
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
बस इतनी सी बात समंदर को खल गई
बस इतनी सी बात समंदर को खल गई
Prof Neelam Sangwan
पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट
पेशवा बाजीराव बल्लाल भट्ट
Ajay Shekhavat
"चैन से इस दौर में बस वो जिए।
*Author प्रणय प्रभात*
ना नींद है,ना चैन है,
ना नींद है,ना चैन है,
लक्ष्मी सिंह
जिसप्रकार
जिसप्रकार
Dr.Rashmi Mishra
"जिंदगी"
Yogendra Chaturwedi
सियासत में
सियासत में
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
Khuch chand kisso ki shuruat ho,
Khuch chand kisso ki shuruat ho,
Sakshi Tripathi
हाँ, मैं तुमसे ----------- मगर ---------
हाँ, मैं तुमसे ----------- मगर ---------
gurudeenverma198
मंजिल
मंजिल
Kanchan Khanna
जिसने अपने जीवन में दर्द नहीं झेले उसने अपने जीवन में सुख भी
जिसने अपने जीवन में दर्द नहीं झेले उसने अपने जीवन में सुख भी
Rj Anand Prajapati
विचार और रस [ एक ]
विचार और रस [ एक ]
कवि रमेशराज
झील किनारे
झील किनारे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
देव उठनी
देव उठनी
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
"मित्रता"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
सृजन
सृजन
Prakash Chandra
रै तमसा, तू कब बदलेगी…
रै तमसा, तू कब बदलेगी…
Anand Kumar
*जब से हुआ चिकनगुनिया है, नर्क समझ लो आया (हिंदी गजल)*
*जब से हुआ चिकनगुनिया है, नर्क समझ लो आया (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
पहले पता है चले की अपना कोन है....
पहले पता है चले की अपना कोन है....
कवि दीपक बवेजा
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्रश्न
प्रश्न
Dr MusafiR BaithA
Loading...