चिड़िया रानी
चिड़िया रानी, मन है मेरा,
साथ तुम्हारे डोलूँ।
जब से आंगन में तुम चहकीं,
सूनापन घबराया।
नित्य तुम्हारा कलरव करना,
हम बच्चों को भाया।
मनभावन यह प्रीत तुम्हारी,
किन शब्दों में तोलूँ।
चिड़िया रानी, मन है मेरा,
साथ तुम्हारे डोलूँ।
नन्हें-मुन्नों के मुख में तुम,
जब रखती हो दाना।
ममता की महिमा बतलाता,
ऐसा ताना-बाना।
चहक-चहक कर, उछल-उछल कर,
मैं भी मुख को खोलूँ।
चिड़िया रानी, मन है मेरा,
साथ तुम्हारे डोलूँ।
तिनका-तिनका एक घरौंदा,
तुमने यहाँ बनाया।
कष्ट उठाकर भी बच्चों को,
उड़ना खूब सिखाया।
बनकर एक चिरौंटा प्यारा,
चीं-चीं-चीं-चीं बोलूँ।
चिड़िया रानी, मन है मेरा,
साथ तुम्हारे डोलूँ।
?☺
©®
– राजीव ‘प्रखर’
मुरादाबाद