चिड़िया रानी आओ ना अपनी प्यास बुझाओ ना ।
चिड़िया रानी आओ ना
अपनी प्यास बुझाओ ना ।
घूम-घूम कर दोपहरी में
झुलस रहे हैं पंख तुम्हारे
छत पर बैठ झरोखे में तुम
थोड़ा तो सुस्ताओ ना
चिड़िया रानी आओ ना
अपनी प्यास बुझाओ ना ।
दादी नानी खूब सुनातीं
थीं किस्से गौरइया के
किस्सों की दुनिया की रानी
चीं चीं गीत सुनाओ ना
चिड़िया रानी आओ ना
अपनी प्यास बुझाओ ना ।
भर कर रखा तुम्हारी खातिर
छत पर पानी का बरतन
खूब नहाओ धूम मचाओ
और करो सुन्दर नर्तन
चुन्नू मुन्नू के मन को भी
आकर खूब लुभाओ ना
चिड़िया रानी आओ ना
अपनी प्यास बुझाओ ना ।
सखी सहेली के संग मिलकर
दावत रोज उड़ाओ ना
आग उगलती इस गरमी में
दाना पानी पाओ ना
चिड़िया रानी आओ ना
अपनी प्यास बुझाओ ना ।
अनुराग दी क्षित