चिड़िया आई
सब बच्चों सुणल्यो ध्यान से,
करते प्रार्थना हैं भगवान से।
छोटी सी एक चिड़िया आई।
गौरैया जिसका नाम है भाई।।
आ फुदकती मेरे आंगन में,
छुप जाती पेड़ के दामन में।।
पंछी पंखेरू सम्भालो भाई।
दाना पानी कुछ डालो भाई।।
रोज़ राह हम देखते तेरी।
दर्शन प्यास बुझती मेरी।।
नन्हीं नन्हीं चिड़िया प्यारी।
सुन्दरता में ये बड़ी न्यारी है।।
सर्वोत्तम वन्य प्राणी यही है।
फुदक फुदक चलती सही है।।
वृक्ष चिड़िया का आशियाना है।
वृक्ष चिडिय़ा का शामियाना है।।
छोटे छोटे होते हैं पंख तुम्हारे।
उन्हीं से उड़ती तू नभ में सारे।।
तूं चीं चीं की आवाज़ सुणादे।
प्रकृति का मीठा गीत सुणा दे।।
‘पृथ्वीसिंह’ प्राकृति की शान है।
चिडिय़ा नभ का स्वाभिमान है।।