चिड़ियाघर
चलो चलें चिड़ियाघर बच्चो
देखेंगे हम मोर वहां।।
हाथी ,बंदर, भालू, घोड़ा
सब मिल करते शोर वहां।।
चिड़िया चींचीं करती रहती
चुगती वो तो दाना है।।
तोता मिट्ठू-मिट्ठू बोले
कोयल गाती गाना है।।
शेर बंद पिजरे में बैठा
बच्चे उसे चिढ़ाते हैं।।
बंदर पहने टोपी चश्मा
उसको चने खिलाते हैं।।
कितनी बड़ी जिराफ की गर्दन
गर्दन खूब घुमाता है।।
हाथी है बैचेन बहुत ही
इधर-उधर वो जाता है।।
विजय बेशर्म