*चिट्ठी है बेकार (छह दोहे)*
चिट्ठी है बेकार (छह दोहे)
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1
लिखी हुई अब हाथ की,चिट्ठी है बेकार
टाइप करके जो लिखा, उसकी जय-जयकार
2
खुशबू हाथों की कहाँ, चिट्ठी बीती बात
व्हाट्सएप पर चल रहा, टाइप ही दिन-रात
3
लिखे हुए अक्षर कहें, किसकी कैसी चाल
टाइप में दिल का कहाँ, खुलता असली हाल
4
कागज पर अक्षर लिखे, बीते कितने साल
पूछो अपने आप से, अब यह आज सवाल
5
टाइप करती उॅंगलियाँ, थके-थके – से नैन
व्हाट्सएप से छिन गया, तन का-मन का चैन
ः 6
टाइप से आँखें दुखी,हस्तलिखित आसान
दुनिया टाइप पर फिदा,मुश्किल में है जान
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उ.प्र.)
मोबाइल 9997615451