चिकित्सक ____ मुक्तक
मर्ज को पहचान कर,
फ़र्ज़ निभाना आसान नहीं होता।
चिकित्सक जान इंसान की बचाने के लिए,
कई रातें नहीं सोता।।
“डॉक्टर” ईश्वर का रूप दूजा,
कर्म ही तो उसकी पूजा।
फ़र्ज़ से अपने वह परेशान नहीं होता।।
राजेश व्यास अनुनय
मर्ज को पहचान कर,
फ़र्ज़ निभाना आसान नहीं होता।
चिकित्सक जान इंसान की बचाने के लिए,
कई रातें नहीं सोता।।
“डॉक्टर” ईश्वर का रूप दूजा,
कर्म ही तो उसकी पूजा।
फ़र्ज़ से अपने वह परेशान नहीं होता।।
राजेश व्यास अनुनय