चिंता कभी न पालिए, कहते सारे संत
चिंता कभी न पालिए, कहते सारे संत
चिंता यदि चित लग गई, निकट मानिए अंत
निकट मानिए अंत , मार ऐसी मारेगी
चिंता चिता समान, बु द्धि को हर डालेगी
कहे ‘अर्चना’ बात, नहीं जो सुख दुख गिनता
रहता है वो मस्त, नहीं करता है चिंता
9-11-2022
डॉ अर्चना गुप्ता