चिंतन की बात कर
अंधेरे की नहीं उजाले की बात कर
निराशा की नहीं आशा की बात कर।
बहुत हो चुका अभिमान हुस्नो शवाब पर
रूठने की नहीं मनाने की बात कर।
दोस्ती बचपन की होती है अमूल्य धरोहर
पीछे हटने की नहीं साथ देने की बात कर।
धर परिवार के संस्कार काम आते हैं उम्र भर
दिखाने की नहीं निभाने की बात कर।
जीवन मानव का यूँ ही नहीं मिला करता
चिंता की नहीं चिंतन की बात कर।
अशोक छाबडा
17072017