Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Nov 2024 · 1 min read

#चिंतनीय

#चिंतनीय
#यह_हाल_है_साहब…!
■ ऐसे होगा तो कैसे होगा न्याय…..?
【प्रणय प्रभात】
★ अपराधी की मौखिक स्वीकारोक्ति को न्यायालय में मान्यता नहीं।
★ 14 दिन से अधिक की रिमांड देने में अनुचित आनाकानी।
★ पुलिस को पूछताछ के दौरान सख़्ती बरतने की छूट नहीं।
★ अपराधी को शातिराना पैंतरेबाज़ी और गुमराह करने की छूट।
★ नार्को, ब्रेन मैपिंग, लाई डिटेक्टर जैसे वैज्ञानिक टेस्ट मान्य नहीं।
★ उक्त टेस्ट के लिए आरोपी की अनुमति की अनिवार्यता।
★ अपराधी विश्वसनीय, विवेचक व जांच एजेंसियां अविश्वसनीय।
★ दानवता के प्रतीकों के लिए मानवाधिकार का अभेद्य कवच।
★ और अब लेट-लतीफ़ “न्याय” के नीचे दब कर कसमसाती त्वरित “दंड” की आस।।
मतलब, न्याय की राह में तमाम रोड़े। तथाकथित क्रांतिकारी बदलावों की डुग्गी ज़ोर-शोर से पीटे जाने के बाद भी। अपराधी को बच निकलने की समुचित छूट। ससम्मान रिहा होते रहेंगे दरिंदे। बैकफुट पर रहेगी पुलिस, फ्रंटफुट पर खेलते रहेंगे भेड़िये। अगर ऐसे होगा तो आख़िर कैसे होगा न्याय….?
मिलकर सोचें क़ानून विशेषज्ञ व सम्मानित न्यायविद। ताकि मख़ौल साबित न हो न्यायिक प्रक्रिया और अनापेक्षित निर्णय। जो दानवता के पक्ष में मानवता के पैरोकार हों और चिंगारियों को दावानल बनने की छूट देते हों।#दुष्टम_शरणम_क़ानूनम।।
😢😢😢😢😢😢😢😢😢
●संपादक●
[न्यूज़ & व्यूज़]
श्योपुर (मध्यप्रदेश)

1 Like · 35 Views

You may also like these posts

हक़ीक़त से वाक़िफ़
हक़ीक़त से वाक़िफ़
Dr fauzia Naseem shad
मेरे जीवन के इस पथ को,
मेरे जीवन के इस पथ को,
Anamika Singh
*** चोर ***
*** चोर ***
Chunnu Lal Gupta
विचार पसंद आए _ पढ़ लिया कीजिए ।
विचार पसंद आए _ पढ़ लिया कीजिए ।
Rajesh vyas
यूं ही कोई लेखक नहीं बन जाता।
यूं ही कोई लेखक नहीं बन जाता।
Sunil Maheshwari
जिंदा रहने के लिए
जिंदा रहने के लिए
Sudhir srivastava
3108.*पूर्णिका*
3108.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सोचता हूँ..
सोचता हूँ..
Vivek Pandey
शुभ रात्रि मित्रों.. ग़ज़ल के तीन शेर
शुभ रात्रि मित्रों.. ग़ज़ल के तीन शेर
आर.एस. 'प्रीतम'
मेरे दिल मे रहा जुबान पर आया नहीं....,
मेरे दिल मे रहा जुबान पर आया नहीं....,
डॉ. दीपक बवेजा
समझ
समझ
Shyam Sundar Subramanian
कर्म -पथ से ना डिगे वह आर्य है।
कर्म -पथ से ना डिगे वह आर्य है।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
*बातें कुछ लच्छेदार करो, खुश रहो मुस्कुराना सीखो (राधेश्यामी
*बातें कुछ लच्छेदार करो, खुश रहो मुस्कुराना सीखो (राधेश्यामी
Ravi Prakash
विजयादशमी
विजयादशमी
Mukesh Kumar Sonkar
मन के भाव
मन के भाव
Surya Barman
तुझमें वो खास बात
तुझमें वो खास बात
Chitra Bisht
समझा दिया
समझा दिया
sushil sarna
"सूत्र"
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी को जीने का तरीका न आया।
जिंदगी को जीने का तरीका न आया।
Taj Mohammad
गठरी
गठरी
Santosh Soni
बड़ी बात है ....!!
बड़ी बात है ....!!
हरवंश हृदय
मकरंद
मकरंद
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।
ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।
सत्य कुमार प्रेमी
प्रिय मेरा विश्वास तुम्हीं हो'
प्रिय मेरा विश्वास तुम्हीं हो'
श्रीकृष्ण शुक्ल
कुछ लोगो ने मुझको पढ्ना बन्द कर दिया।
कुछ लोगो ने मुझको पढ्ना बन्द कर दिया।
Ashwini sharma
क्या मेरा यही कसूर है
क्या मेरा यही कसूर है
gurudeenverma198
आलोचना के स्वर
आलोचना के स्वर
Ashok Kumar Raktale
👩‍🌾कृषि दिवस👨‍🌾
👩‍🌾कृषि दिवस👨‍🌾
Dr. Vaishali Verma
😟 काश ! इन पंक्तियों में आवाज़ होती 😟
😟 काश ! इन पंक्तियों में आवाज़ होती 😟
Shivkumar barman
Nhà Cái Uy Tín Chuyên trang nhà cái tổng hợp cung cấp link t
Nhà Cái Uy Tín Chuyên trang nhà cái tổng hợp cung cấp link t
Nhà Cái Uy Tín
Loading...