चाह और आह!
न पूछो कि कितना, हमें भा रही हो,
अदाओं से’ अपनी, कहर ढा रही हो,
सफर जिंदगी का, सरल हो तुम्हारा,
मिले हर खुशी, तुम जहाँ जा रही हो।
न पूछो कि कितना, हमें भा रही हो,
अदाओं से’ अपनी, कहर ढा रही हो,
सफर जिंदगी का, सरल हो तुम्हारा,
मिले हर खुशी, तुम जहाँ जा रही हो।