Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Aug 2024 · 1 min read

चाहे कितने भी मतभेद हो जाए फिर भी साथ बैठकर जो विवाद को समाप

चाहे कितने भी मतभेद हो जाए फिर भी साथ बैठकर जो विवाद को समाप्त कर दे सुधार दे उसको “कुटुम्ब” परिवार कहते है ll

76 Views

You may also like these posts

स्तुति - गणपति
स्तुति - गणपति
DR ARUN KUMAR SHASTRI
छल फरेब
छल फरेब
surenderpal vaidya
ग़रीबी भरे बाजार मे पुरुष को नंगा कर देती है
ग़रीबी भरे बाजार मे पुरुष को नंगा कर देती है
शेखर सिंह
लोग ऐसे दिखावा करते हैं
लोग ऐसे दिखावा करते हैं
ruby kumari
शब्दों के तीर
शब्दों के तीर
Meera Thakur
दिल की गलियों में कभी खास हुआ करते थे।
दिल की गलियों में कभी खास हुआ करते थे।
Phool gufran
ज़िंदगी हर पल गुज़र रही है
ज़िंदगी हर पल गुज़र रही है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हिन्दुस्तानी हे हम
हिन्दुस्तानी हे हम
Swami Ganganiya
वे रिश्ते आजाद
वे रिश्ते आजाद
RAMESH SHARMA
आज़ादी!
आज़ादी!
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
पुरोवाक्
पुरोवाक्
Rambali Mishra
हीरो बन जा
हीरो बन जा
मधुसूदन गौतम
The Sky Above
The Sky Above
R. H. SRIDEVI
भरत नाम अधिकृत भारत !
भरत नाम अधिकृत भारत !
Neelam Sharma
अगर आप आदमी हैं तो / (नईकविता)
अगर आप आदमी हैं तो / (नईकविता)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
जिंदगी हवाई जहाज
जिंदगी हवाई जहाज
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बड़े वो हो तुम
बड़े वो हो तुम
sheema anmol
3662.💐 *पूर्णिका* 💐
3662.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*वरद हस्त सिर पर धरो*..सरस्वती वंदना
*वरद हस्त सिर पर धरो*..सरस्वती वंदना
Poonam Matia
कर्मयोग बनाम ज्ञानयोगी
कर्मयोग बनाम ज्ञानयोगी
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
सहूलियत
सहूलियत
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
रिश्ते
रिश्ते
Mangilal 713
"आगन्तुक"
Dr. Kishan tandon kranti
भूखा कैसे रहेगा कोई ।
भूखा कैसे रहेगा कोई ।
Rj Anand Prajapati
खतावर हूँ तो मेरी खता ही बता दे
खतावर हूँ तो मेरी खता ही बता दे
VINOD CHAUHAN
दोहे
दोहे
seema sharma
मुहब्बत का वास्ता
मुहब्बत का वास्ता
Shekhar Chandra Mitra
मेरा भाग्य और कुदरत के रंग...... एक सच
मेरा भाग्य और कुदरत के रंग...... एक सच
Neeraj Agarwal
ग़ज़ल (वक्त तो बे *लगाम* होता ह)
ग़ज़ल (वक्त तो बे *लगाम* होता ह)
डॉक्टर रागिनी
मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दुनिया में ‌जितना बदलाव हमा
मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दुनिया में ‌जितना बदलाव हमा
Rituraj shivem verma
Loading...