चाहे अकेला हूँ , लेकिन नहीं कोई मुझको गम
चाहे अकेला हूँ , लेकिन नहीं कोई मुझको गम।
मैं मस्त हूँ अकेले में, लेकिन नहीं कोई मुझको गम।।
चाहे अकेला हूँ , ————————————।।
जब कोई साथ नहीं दे, किस काम के हैं दोस्त हजार।
नहीं है कोई दोस्त मेरा, लेकिन नहीं कोई मुझको गम।।
चाहे अकेला हूँ , ————————————।।
बुलाते हैं अपने भी, जब हो कोई उनको मतलब।
लेकिन नहीं वो साथ मेरे, लेकिन नहीं कोई मुझको गम।।
चाहे अकेला हूँ , ————————————।।
करके देखा है प्यार भी, वो थे मगर सौदागर।
काबिल चाहे उनके नहीं, लेकिन नहीं कोई मुझको गम।।
चाहे अकेला हूँ , ————————————।।
मुझमें नहीं कोई कमी, हिम्मत है मुझमें जीने की।
ख्वाब अगर कोई पूरा नहीं, लेकिन नहीं कोई मुझको गम।।
चाहे अकेला हूँ , ————————————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)