चाहत
बन जाऊं मैं चाहत में तेरी राधा कान्हा बन जाना तुम,
सांवरिया मेरे दिल के बन प्यार से अपने रिझाना तुम।
प्यार हूं मैं तेरा मुझे …… कभी कोई ग़म ना देना,
चांद बनूं मैं तुम्हारा चांदनी बन प्यार बरसाना तुम।
रूठ भी जाऊं कभी प्यार में तुम से लड़ते-लड़ते,
प्यारी सी मुस्कान बिखेर मुझे बांहों में ले मनाना तुम।
जिंदगी की इस राह में आती रहेगी बहुत सी मुसीबतें ,
हिम्मत को बना हथियार मुसीबतों से न घबराना तुम।
रात अंधियारी में जब जब भी दिल मेरा घबराये तो,
मधुर संगीत की स्वर लहरियों से मेरा दिल बहलाना तुम।
बंधन है ये तेरे मेरे प्यार का कच्ची डोर से बंधा हुआ,
विश्वास की डोर बंधी रहे जीवन साथी बन साथ निभाना तुम।
शबनम सी कशिश बन मेरे नयनों में तुम समाये रहना,
नैनों में इश्क का लगा काजल इनको बहकाना तुम।
तीज त्यौहार पर बिंदी, काजल,पायल,लाल चुनरिया ला,
सर्पिली वेणी पर गजरा पहना सिंदूर से मांग सजाना तुम।
“राज” है तेरे जीवन की बाती दीपक बन जाना तुम,
तू तो है पगली दीवानी ये कह कभी कभी चिढ़ाना तुम।।
डॉ राजमती पोखरना सुराना