चाहत
हमे रहने की चाहत तो है पर दिल नही मिलते कही
कहने की चाहत तो है जुबान नही मिलता कही
देखने की चाहत भी है चेहरे नही मिलते कोई
कब से ये चाहत थी कि कुछ लिखु पर
तेरे जैसा साहितपिडिया नही मिलता था कही
हमे रहने की चाहत तो है पर दिल नही मिलते कही
कहने की चाहत तो है जुबान नही मिलता कही
देखने की चाहत भी है चेहरे नही मिलते कोई
कब से ये चाहत थी कि कुछ लिखु पर
तेरे जैसा साहितपिडिया नही मिलता था कही