चाहत
तेरी चाहत मेरी साँसों में रहती है।
तेरी तमन्ना एहसासों में रहती है।
जब सब्र टूटता है ग़म-ए-इन्तिज़ार से-
मेरी ज़िन्दगी बदहवासों में रहती है।
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
तेरी चाहत मेरी साँसों में रहती है।
तेरी तमन्ना एहसासों में रहती है।
जब सब्र टूटता है ग़म-ए-इन्तिज़ार से-
मेरी ज़िन्दगी बदहवासों में रहती है।
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय