चाहत
कुछ ऐसा लिखूं के दिल की गहराई छू लूँ
हाथ मेरा थाम लो मैं तुम्हारी परछाई छू लूँ
कुछ लिख भी ना संकू गर नाराज ना होना
सोचता रहूंगा मैं सदा नित नई ऊंचाई छू लूँ
वीर कुमार जैन
23 जुलाई 2021
कुछ ऐसा लिखूं के दिल की गहराई छू लूँ
हाथ मेरा थाम लो मैं तुम्हारी परछाई छू लूँ
कुछ लिख भी ना संकू गर नाराज ना होना
सोचता रहूंगा मैं सदा नित नई ऊंचाई छू लूँ
वीर कुमार जैन
23 जुलाई 2021