Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Apr 2021 · 1 min read

”चाहत”

उसकी बात ही कुछ और थी उसका साथ ही कुछ और था
उसकी आँखे जब चमकती थी तो उसकी आंखो की चमक ही कुछ और थी ,,
उसकी आँखों के सागर में डूब जाने को दिल करता था

वो जिन रास्तों से गुजरती उन रास्तों को रोशन करने को दिल करता था ,,

उसका हाथ थामकर फ़लक तक चलने को जी करता था

उसके दिल के मैखाने में शराब की तरह उतरने को दिल करता था ,,
उससे अपने इश्क़ का इज़हार खुलेआम और पूरे दिल से करना चाहता था
पर वो इनकार न कर दे कहीं बस इसी बात से मन डरता था ,,
शायद इसीलिए दिल उनसे चुपके चुपके मोहोब्बत करता था ……

Written By ; Ladduuuu1023 ladduuuu

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 321 Views

You may also like these posts

'सुनो स्त्री'
'सुनो स्त्री'
Rashmi Sanjay
दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
sushil sarna
हर बूँद  भैरवी है - हर बूँद है मल्हार
हर बूँद  भैरवी है - हर बूँद है मल्हार
Atul "Krishn"
..
..
*प्रणय*
*सूरत के अपेक्षा सीरत का महत्व*
*सूरत के अपेक्षा सीरत का महत्व*
Vaishaligoel
अपने अपने की जरूरत के हिसाब से अपने अंदर वो बदलाव आदतो और मा
अपने अपने की जरूरत के हिसाब से अपने अंदर वो बदलाव आदतो और मा
पूर्वार्थ
निःशब्द के भी अन्तःमुखर शब्द होते हैं।
निःशब्द के भी अन्तःमुखर शब्द होते हैं।
Shyam Sundar Subramanian
व्यक्ति की सबसे बड़ी भक्ति और शक्ति यही होनी चाहिए कि वह खुद
व्यक्ति की सबसे बड़ी भक्ति और शक्ति यही होनी चाहिए कि वह खुद
Rj Anand Prajapati
श्राद्ध पक्ष
श्राद्ध पक्ष
surenderpal vaidya
तड़पन
तड़पन
Rambali Mishra
नेता राजनीति का चलेगा जब दाव तब
नेता राजनीति का चलेगा जब दाव तब
आकाश महेशपुरी
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
इस तरह से भी,,
इस तरह से भी,,
रश्मि मृदुलिका
निकल आए न मेरी आँखों से ज़म ज़म
निकल आए न मेरी आँखों से ज़म ज़म
इशरत हिदायत ख़ान
-  मिलकर उससे
- मिलकर उससे
Seema gupta,Alwar
*उदघोष*
*उदघोष*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अद्वितीय गुणगान
अद्वितीय गुणगान
Dushyant Kumar
ये इश्क़-विश्क़ के फेरे-
ये इश्क़-विश्क़ के फेरे-
Shreedhar
चंद्रयान-२ और ३ मिशन
चंद्रयान-२ और ३ मिशन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
अर्जुन सा तू तीर रख, कुंती जैसी पीर।
अर्जुन सा तू तीर रख, कुंती जैसी पीर।
Suryakant Dwivedi
*भारत माता को किया, किसने लहूलुहान (कुंडलिया)*
*भारत माता को किया, किसने लहूलुहान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बीते साल को भूल जाए
बीते साल को भूल जाए
Ranjeet kumar patre
भारत भूमि महान है
भारत भूमि महान है
indu parashar
"जीवन की परिभाषा"
Dr. Kishan tandon kranti
अधूरे ख़्वाब
अधूरे ख़्वाब
Sagar Yadav Zakhmi
नेता
नेता
Raju Gajbhiye
परिंदा हूं आसमां का
परिंदा हूं आसमां का
Praveen Sain
अंगुलिया
अंगुलिया
Sandeep Pande
2975.*पूर्णिका*
2975.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है
भला अपने लिए ऐसी हिमाक़त कौन करता है
अंसार एटवी
Loading...