” चाहत “
” चाहत ”
*****************
तू धड़कन मै तेरी सांस पिया
जीने की हो तुम आस पिया
तुम सांसों मे मेरी बसते हो
फिर कैसी है ये प्यास पिया।।
तू चंदा मै तेरी चकोर पिया
तुम सांसों में हो मेरे पिया
तुम मेरी एहसासों में हो
फिर कैसी है ये प्यास पिया।।
तू सूरज मै तेरी सांझ पिया
मेरी तुम हो अरमान पिया
तुम लबों की मेरी हंसी हो
फिर कैसी है ये प्यास पिया।।
तू सावन मै तेरी बरसात पिया
मिलने को फिर क्यूं जले जिया
तुम धड़कन में संगीत मेरी हो
फिर कैसी है ये प्यास पिया।।
तू नैना मैं तेरी दरस पिया
ना देखे बिन ना चैन पिया
तुम नज़रों में मेरी रहते हो
फिर कैसी है ये प्यास पिया।।
तू प्राण मै तेरी जान पिया
तेरे लिए सोलह श्रृंगार किया
तुम सातों जनम में मेरे हो
फिर कैसी है ये प्यास पिया।।
तू रूप मै तेरी साया पिया
चाहत की हो तुम राज पिया
चारों तरफ तुम छाये हो
फिर कैसी है ये प्यास पिया।।
तू बदली मै तेरी छाह पिया
नैनो से फिर क्यूं बरसात पिया
तुम ख्वाबों में मेरी बसते हो
फिर कैसी है ये प्यास पिया।।
तू सरगम मै तेरी साज पिया
तेरा जीवन मेरी संगीत पिया
तुम सदा ही मुझको गाते हो
फिर कैसी है ये प्यास पिया।।
तू श्याम मै तेरी राधा पिया
जनम जनम का है साथ पिया
मै तुझमे तुम मुझमें हो
फिर कैसी है ये प्यास पिया।।
“””””””सत्येन्द्र प्रसाद साह (सत्येन्द्र बिहारी)”””””””