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23 May 2023 · 1 min read

चाहत मेरी भले कभी कामिल नहीं हुई।।

चाहत मेरी भले कभी कामिल नहीं हुई।।
मैं साजिशों की दौड़ में शामिल नहीं हुई।।

पुरजोर कोशिशें रही सबको समेट लूं।
बदले में किसी से कोई आमिल नहीं हुई।

ये सिलसिला है दर्द का जो टूटता नहीं।
पाती रही दिन रात पर हामिल नहीं हुई।।

कुदरत ने जो दिया उसे स्वीकार कर लिया
मेरा है क्या कसूर गर जामिल नहीं हुई। ।

उनकी अदावतों का जो इतना हुआ असर,
चर्चा में रहा नाम मैं खामिल नहीं हुई।।
सरोज यादव

Language: Hindi
2 Likes · 193 Views
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