चाहत में तुम्हारी दरिया को समंदर कर देंगे
इस कदर मोहब्बत में तुम्हारी हम लुट जाएंगे
खून से अपने नाम तुम्हारा लिखा लाएंगे
चमन ए बहारों से कह दो इतनी जल्दी
अपना भी मौसम ना बदला करें
चाहत में तुम्हारी दरिया को समंदर कर देंगें
रचनाकार मंगला केवट मध्य प्रदेश होशंगाबाद