#रुबाई
अर्ज़ किया है–?
ख़्वाबों को ज़िंदा करने की , रंगत हासिल करनी है।
उड़ना नहीं हवाओं में ही , ताक़त हासिल करनी है।।
मंज़िल स्वयं चली आएगी , हँस दौड़ी पास हमारे;
बस इसको पाने की दिल में , चाहत हासिल करनी है।।
आर.एस.’प्रीतम’
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