चाहतों की कस्ती
दिल तेरी चाहतों की यादों को,रो रो के झेला है
दिल कल भी अकेला था आज भी अकेला है
चाहतों की कस्ती में, नाम बस तुम्हारा है
आंसूओं की लहरे हैं, पलकों का किनारा है
संजय कुमार✍️✍️
दिल तेरी चाहतों की यादों को,रो रो के झेला है
दिल कल भी अकेला था आज भी अकेला है
चाहतों की कस्ती में, नाम बस तुम्हारा है
आंसूओं की लहरे हैं, पलकों का किनारा है
संजय कुमार✍️✍️