चाहते हो अगर ___प्यार का खेल क्यों खेला –मुक्तक माला
चाहते हो अगर मिलना ,चले आओ न घबराओ।
यह दिल तुमको ही चाहता, ऐसे न हमसे शरमाओ।।
किया जब दिल तुमने चोरी, मान लो बात तुम मोरी।
तुम्हारी चाहत में तरसे ,जाने जां और न तरसाओ।।
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प्यार में दूर रहने से ह्रदय में चोट लगती है।
दुनिया सो जाती सारी हमारी नींद भगती है।।
तुम्हारी क्या मजबूरी है जबकि मिलना जरूरी है।
किधर से आओगे साथी , ये अखियां राह तकती है।।
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अगर था दूर यो रहना, प्यार का खेल क्यों खेला।
छोड़ कर चल दिए हमको रह गया दिल क्यों अकेला।।
नहीं यह बात अच्छी है दोस्ती अपनी सच्ची है।
दशा तुम आकर के देखो बहता अंखियों से रेला है।।
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राजेश व्यास अनुनय