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26 Oct 2016 · 1 min read

मत चल मानुष ! उल्टी चालें

ताटंक छंद

मत चल मानुष ! उल्टी चालें
एक दिवस पछताएगा ।
समय निकलने पर हाथों से
वापस कभी न आएगा ।
जो सच्चे – सीधे होते हैं
वे आगे बढ़ पाते हैं ,
टेढ़ी चालें चलने वाले
खंदक में गिर जाते हैं ।

डॉ रीता
आया नगर , नई दिल्ली- 47

Language: Hindi
1 Like · 722 Views
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