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6 Dec 2024 · 1 min read

“चारों तरफ अश्लीलता फैली हुई है ll

“चारों तरफ अश्लीलता फैली हुई है ll
संस्कारों की शालीनता मैली हुई है ll

प्रेम जिस्म से आगे बढ़ता ही नहीं,
इंसानी मानसिकता विषैली हुई है ll

उन लड़के-लड़कियों को बिलकुल अनाथ मानता हूं मैं,
मां-बाप के होते हुए अश्लील जिनकी जीवनशैली हुई है ll

संपन्न घर की औरतें यहां पर सबसे आगे हैं,
मुजरा करने की कोठी उनकी हवेली हुई है ll

स्वतंत्रता को शर्मोंहया के साथ रहना चाहिए,
मगर, स्वतंत्रता अश्लीलता की सहेली हुई है ll”

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