चारागर दर
वासनाओं के आजार से जल रहे हैं
चरण रज रस पिला इस जलन को मिटा दो
ऐसा चारागर दर गर कोई और हो किशोरी
हमे उस गली का पता ही बता दो
M.T”Ayan”
वासनाओं के आजार से जल रहे हैं
चरण रज रस पिला इस जलन को मिटा दो
ऐसा चारागर दर गर कोई और हो किशोरी
हमे उस गली का पता ही बता दो
M.T”Ayan”