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29 May 2023 · 1 min read

चारपाई

तुमको याद होगा
कई बरस पहले
एक चारपाई बुनी थी हमने
तुमने उस चारपाई में
चारों पाये
अपने हाथों से ठोके थे-
मैं तो बस देख रहा था तुमको
बार-बार पाये उठा कर बान डालते हुए
दूसरे छोर पर खड़े हो कर,
तुम कितनी उतावली थी
उस चारपाई को
पूरा करने के लिए
याद आया मुझे
निवाड़ भी तुमने
अपने हाथों से डाले थे।

आज मैं उस चारपाई को देख रहा था
बान के निशान
पड़ गए है उसके
बाँसों पर
जैसे प्रेम के
कुछ निशान पड़े तुम्हारे, मेरी
साँसों पर।

Language: Hindi
78 Views
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