चाय
चाय की एक घूट से ही जीने की चाह मिल जाती हैँ,
दूसरी घूट लेने से ही, चिंताये विमुक्त हो जाती हैँ //
अक्सर चाय का ही साथ होता हैँ,तन्हाइयो मे,
इसकी एक एक घूट का आनंद होता हैँ अंगड़ाइयों मे //
जिंदगी की सारी उलझनों को चाय के प्याले के समक्ष भूल जाता हू,
ज़ब चाय की घूट मे मै, मखबूल हो जाता हू //