चाय का प्याला
चाय का पहला प्याला
मेरे गले कको देता है तरावट
अकेले पन को करता है खत्म
प्याला पीने के बाद
होती है आत्मा की प्राप्ति
तलाश पाती हूँ नई कविताओ को
खत्म हो जाता है सारा दुःख
औरसाफ करता है
हड्डियों और मास पेशियों को
बात करने में सझम होती हूँ
अमरतत्व प्राप्त आत्माओ से
सुकून पहुँचता है
ताजी हवा का झोक
महसूस होता है ऐसा।
बेतकल्लुफ बाते होती है चाय पर
कहा आता है मजा गिलास के बिना
वाह निकलता है हर बात मेँ चाय के साथ
नुक्कड़ वाले की होती है
सबसे शानदार चाय
चाय से नही ऊब सकते
हर चीज से ऊब सकते है
पीने वाले लोगं
महसूस की जा सकती है
घर में जगाये जाने के बाद
खुशबु गरमागरम चाय की।।