चाणक्य सूत्र
मनहरण घनाक्षरी
सहयोग करें सभी
पात्र पहचान तभी
कभी कभी नकलची
मुश्किल में डालते।
चाणक्य की मानकर
मूर्ख लोग त्यागकर
चरित्र हीन छोड़ दो
भावना न जानते ।
तीजे लोग असंतुष्ट
सेवा कर्म नहीं पुष्ट
दूसरों की उन्नति में
विध्न बाधा डालते ।
संवेदना हकदार
मानवीय उपकार
दुख व परिस्थितियाँ
स्वयं से विचारते ।।
राजेश कौरव सुमित्र