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27 May 2017 · 1 min read

चांद

हाइकु

चांद

बुढ़िया माई
है चरखा कातती
चांद पे देखो।

रात चांदनी
चित्रकार अंबर
भाव उकेरे।

नन्हे बालक
चंद्रमा की चाहत
खिलखिलाएं।

यादें पिया की
चांद का प्रतिबिंब
शीतल मन।

खामोश रात
रजनीकर साथ
कोई न साथ।

चांद निहारे
चंचल चितवन
तारे चमकें।

चंद्र चकोरी
सुनाती मीठी लोरी
झूले शैशव।

चांद अनोखा
निहारती सजनी
देखा सपना।

चांद देखता
अंधियारी रजनी
रौशन हुई।

झूठा छलावा
चांद तारे तोड़ना
आशिक करते।

चंचल चन्द्र
करे अठखेलियां
नीलम मन।

नीलम शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 276 Views
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