चांद सा एक चमकता सितारा बनी तो
मैं कहां
किस कोने में
तन्हा पड़ी हूं
किसी को मेरी फिक्र नहीं
हां अभी कहीं मैंने जो
आसमान की बुलंदियां
छू ली और
चांद सा एक चमकता
सितारा बनी तो
हर किसी को बिना बताये
मेरे घर का पता
मेरी पहचान
मेरा मुकाम
मेरा नाम
मेरा काम
मेरे घर के हर कोने में रखा
एक एक अनदेखा
अनछुआ
बिना इस्तेमाल का
सामान
सबकी मालूमात मुझसे
ज्यादा होगी।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001