चांद में दिखते हो तुम
इश्क भी क्या चीज़ है
चांद में दिखते हो तुम
जान दे ले लेती मैं
किसी और को ना देती मैं
अगर कहीं बिकते हो तुम
चांद में दिखते हो तुम
ज़हान मे क्या क्या नहीं है
इस बात का बयां नहीं है
पर दिल में सिरफ टिकते हो तुम
चांद मे दिखते हो तुम
लिखूं कविता तुम्हारी याद में
तुम से बात करूं तुम्हारे बाद में
क्या मेरा नाम भी लिखते हो तुम
चांद में दिखते हो तुम
चांद में दिखते हो तुम