……चांद पर भारत……
……चांद पर भारत……
चांद की धरती पर ,भारत ने पांव पसार लिया
ब्रम्हांड के नवयुग मे,खुद को संवार लिया
विश्व की नजरें गड़ी ,भारत की वैज्ञानिकता पर
करते थे उपहास जो,गिर गए अपनी ही निजता पर
रुआब नही अभिमान नहीं,यही भारतीय सभ्यता
लेकर साथ चलने की ,यही है कार्तव्यता
सुलझेंगे रहस्य कई,अन्य ग्रहों के भी खुल जायेंगे
खनिज धातु द्रव्यमान कई,और नए मिल जायेंगे
वेदों का अध्ययन आज ,कर रही दुनियां सारी
उत्पत्ति की शोध मे,जनक की भूमिका भारी
परचम भारत का ऐसे ही ऊंचा हरदम रहेगा
है देश सत्य सनातन का,शीश मुकुट हरदम रहेगा
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मोहन तिवारी,मुंबई