चांदनी भी बहुत इतराती है
चांदनी भी बहुत इतराती है
सितारों संग नज़र आती है
ढलती शाम को गले लगाती है
रात में तारों संग बतियाती है
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
चांदनी भी बहुत इतराती है
सितारों संग नज़र आती है
ढलती शाम को गले लगाती है
रात में तारों संग बतियाती है
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”