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27 Aug 2024 · 1 min read

चांदनी भी बहुत इतराती है

चांदनी भी बहुत इतराती है
सितारों संग नज़र आती है
ढलती शाम को गले लगाती है
रात में तारों संग बतियाती है

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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