चांदनी की झील में प्यार का इज़हार हूँ ।
चांदनी की झील में प्यार का इज़हार हूँ ।
घूंघट में यौवन का .इक हसीं इकरार हूँ ।
नभ से बरसती .पाषाणों की आगोश में –
सावन के घनों की मचलती जल-धार हूँ ।
सुशील सरना/16-3-24
चांदनी की झील में प्यार का इज़हार हूँ ।
घूंघट में यौवन का .इक हसीं इकरार हूँ ।
नभ से बरसती .पाषाणों की आगोश में –
सावन के घनों की मचलती जल-धार हूँ ।
सुशील सरना/16-3-24