चाँद सी परी छोरी
***** चाँद सी परी छोरी ******
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रंग – रूप की गौरी तेरे क्या कहने,
चाँद सी परी छोरी तेरे क्या कहने।
लूटती हमीं को मादक प्यारी आँखें,
आप सी नहीं कोई तेरे क्या कहने।
मांगते खुदा से हो जीवन तुम्हीं से,
संग आपके जोड़ी तेरे क्या कहने।
ढूंढते-फिरें हम तो सपनों की रानी,
आसपास ही होगी तेरे क्या कहने।
दर खड़े तिरे मांगें तुमसे तुम्ही को,
प्रेम भीख तो दोगी तेरे क्या कहने।
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सुखविन्दर सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)