चाँद सी गुड़िया को मेरी रोशन आसमान मिले………………
चाँद सी गुड़िया को मेरी रोशन आसमान मिले
चहकती सी इस चिड़िया को सारा गुलिस्तान मिले
तवक़्क़ो से ज़्यादा तुझे प्यार और सम्मान मिले
दिल से निकले ज़ज़्बातों को तेरे कदरदान मिले
मुस्कुराते फूल कली हर गुन्चा मेहरबान मिले
ख़्याल भी आ जाये जिसका वही मता-ए-जान मिले
राजसी हर चीज़ तुझे आन बान और शान मिले
हम सभी की दुआ यही है दौलते दो जहान मिले
हमसफ़र जो हो तेरा उसको तुझसे पहचान मिले
या खुदा पी से तेरा ऐसा दिल-ए-मिजान मिले
मंज़िलें जहाँ कहीं हों जैसे मर्ज़ी हों रास्ते
रोक ना पाये मुश्क़िल ऐसी कोई उड़ान मिले
नवंबर चौबीस दो हज़ार सोलह को पहचान मिले
अंजू-वीरू को तोहफ़े में इक दूजे का वरदान मिले
—-सुरेश सांगवान ‘सरु’