चाँद बदन पर ग़म-ए-जुदाई लिखता है
चाँद बदन पर ग़म-ए-जुदाई लिखता है
दर्द मेरे सिरहाने बैठा रहता है
इश्क लपेटे सारी रात मैं रोई हूँ
रात का आँचल भींगा- भींगा लगता है
चाँद बदन पर ग़म-ए-जुदाई लिखता है
दर्द मेरे सिरहाने बैठा रहता है
इश्क लपेटे सारी रात मैं रोई हूँ
रात का आँचल भींगा- भींगा लगता है