Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2023 · 1 min read

चाँद पर चन्द्रयान

चाँद पर चंद्रयान

चाँद की तलाशी,
चाँद की छानबीन,
चाँद की तहकीकात,
चाँद की खोजबीन ,
की कोशिश की गयी
और कोशिश कामयाब हुई,
कामयाबी ने भारत के कदम चूमे,
आबादी ऊपर ज़राआबाद हुई l
थोडी बहुत कमी तो रह जाती है,
कभी- कभी बात बनते- बनते बिगड़ जाती है,
हौंसले बुलंद हों अगर अम्बर से,
फिर सपनों की उडान रौशन हो जाती है।
चाँद से चंद दूरी पर चालक विक्रम बहक गया,
जैसे पैमाने से जाम कोई छलक गया,
छलके हुए जाम में भी नशा होता है,
हर रात के बाद सवेरा होता है।
चाँद को देख अच्छे -अच्छे सूरमा घबरा जाते हैं,
सब चाँद के इशारे पर चाँद का हुकुम बजाते हैं ,
फिर तुम तो मशीन हो,
और वो महजबीन है,
तुम्हारी अपनी सरहदें हैँ,
माना के वो बेहद हसीन है
तुम उदास ना होना
और फिर चाँद पर चढ़ाई करना,
देख लेना तुम चाँद के पार जाओगे,
भर लोगे चाँद को अपनी बाहों में,
जल्दी तुम चाँद से इश्क़ फर्माओगे,
आज नहीं तो कल देख लेना आदम,
तुम चाँद की बालकनी पर देख चाँद को मुस्कुराओगे।

सोनल निर्मल नमिता

152 Views

You may also like these posts

अगर आप
अगर आप
Dr fauzia Naseem shad
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
मै कमजोर नहीं
मै कमजोर नहीं
Shutisha Rajput
सौगात   ...
सौगात ...
sushil sarna
**आजकल के रिश्ते*
**आजकल के रिश्ते*
Harminder Kaur
"गौरतलब"
Dr. Kishan tandon kranti
आने वाला आएगा ही
आने वाला आएगा ही
महेश चन्द्र त्रिपाठी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
Good morning
Good morning
*प्रणय*
! हिंदी दिवस !
! हिंदी दिवस !
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
मां के किसी कोने में आज भी बचपन खेलता हैयाद आती है गुल्ली डं
मां के किसी कोने में आज भी बचपन खेलता हैयाद आती है गुल्ली डं
Ashwini sharma
अनमोल है ज़िन्दगी
अनमोल है ज़िन्दगी
Seema gupta,Alwar
मौहब्बत को ख़ाक समझकर ओढ़ने आयी है ।
मौहब्बत को ख़ाक समझकर ओढ़ने आयी है ।
Phool gufran
मुक्तक... छंद हंसगति
मुक्तक... छंद हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
अक्स मेरा
अक्स मेरा
Dr Mukesh 'Aseemit'
“पेरिस ओलम्पिक और भारत “
“पेरिस ओलम्पिक और भारत “
Neeraj kumar Soni
- दिया लेकर ढूंढोगे पर मेरे जैसा तुम्हे ना मिले -
- दिया लेकर ढूंढोगे पर मेरे जैसा तुम्हे ना मिले -
bharat gehlot
कठोर व कोमल
कठोर व कोमल
surenderpal vaidya
'कह मुकरी'
'कह मुकरी'
Godambari Negi
इश्क़ से अपने कुछ चुने लम्हें
इश्क़ से अपने कुछ चुने लम्हें
Sandeep Thakur
दोहा-
दोहा-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
औरत को बनाया तूने बहुत सोच-समझकर,
औरत को बनाया तूने बहुत सोच-समझकर,
Ajit Kumar "Karn"
हे ! गणपति महाराज
हे ! गणपति महाराज
Ram Krishan Rastogi
ଆମ ଘରର ଅଗଣା
ଆମ ଘରର ଅଗଣା
Bidyadhar Mantry
*** कभी-कभी.....!!! ***
*** कभी-कभी.....!!! ***
VEDANTA PATEL
मिलते तो बहुत है हमे भी चाहने वाले
मिलते तो बहुत है हमे भी चाहने वाले
Kumar lalit
Dr arun कुमार शास्त्री
Dr arun कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ग़ज़ल गीत तन्हा......., ही गाने लगेंगे।
ग़ज़ल गीत तन्हा......., ही गाने लगेंगे।
पंकज परिंदा
*नई राह पर नए कदम, लेकर चलने की चाह हो (हिंदी गजल)*
*नई राह पर नए कदम, लेकर चलने की चाह हो (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
3164.*पूर्णिका*
3164.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...