*चाँद-चाँदनी संवाद (कविता)*
चाँद-चाँदनी संवाद (कविता)
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मिसेज चाँदनी एक बार मिस्टर चन्दा से बोली
“कभी न दी तुमने उपहारों की मुझ को भर झोली
इतने वर्ष हुए शादी को , कहीं घूमने जाओ
कभी दूर प्रथ्वी से मुझको यात्रा प्रिये कराओ”
सुनकर हँसा चाँद बोला ” मेरा संसार तुम्हारा
क्या रक्खा उपहारों में ,सारा घर-बार तुम्हारा
अलग नहीं हैं हम तुम ,इतनी बात सत्य यह जानो
दिया हमें जो रुप विधाता ने उसको पहचानो
सब जाते हैं हनीमून पर ,यह पहचान हमारी
चाँद – चाँदनी सबसे सुन्दर ,कहती दुनिया सारी
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451