चाँद-क्षणिकाएं
1
आसमान का चाँद
चितकबरा है
पर,उसमें
अमृत भरा है
तो क्या?
कितने बेदाग
चाँद लिये
हमारी धरा है।
2
कल देखा
नितदिन रूपांतरित होता
शून्य-सा चाँद
एक मृगछौने-सा
बड़ा सलोना है
शायद,इसीलिए
जगत में
चाँद एक खिलौना है।
-©नवल किशोर सिंह