चाँदी की चादर तनी, हुआ शीत का अंत।
चाँदी की चादर तनी, हुआ शीत का अंत।
टेसू-ढाक-पलाश ले, खेले फाग बसंत।।
ठूँठ हुए हर वृक्ष पर, आए पल्लव-फूल।
पीत बरन भू- सुंदरी, ओढ़े खड़ी दुकूल।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उ.प्र.)
चाँदी की चादर तनी, हुआ शीत का अंत।
टेसू-ढाक-पलाश ले, खेले फाग बसंत।।
ठूँठ हुए हर वृक्ष पर, आए पल्लव-फूल।
पीत बरन भू- सुंदरी, ओढ़े खड़ी दुकूल।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उ.प्र.)