!!….चाँदनी रात….!!
आसमाँ की श्याम वर्ण रूपी चादर में…
झिलमिलाते अनगिनत सितारे…
जाने किसने टाँक दिये शीतल चादर में…
पुष्प हों गुलचाँदनी के सितारे…
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जगत सोया रहे शांत चाँद किरणों में…
कंचन रात्रि में चमचमाते तारे…
भीग जाये जग करुणामयी किरणों में…
धरा चमकेगी जैसे श्वेत सितारे…
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कब भोर हो उगता सूरज चाँद से करे बातें…
बेचैन हैं तारों भरी चाँदनी रातें…
दो प्रेमी इक मुलाकात में करें बातें…
गुम न हो जायें ये चाँदनी रातें…
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आज निकला है पूर्ण वास्तविक चाँद…
छुप जायेगा श्याम वर्ण रातों में…
कल निकलेगा अल्प काल्पनिक चाँद…
अमावस्या की गहरी रातों में…
#जज़्बाती…
#rahul_rhs