चल हवा तू चैलते चल
चल ,हवा तू चैलते चल,
चल,हवा तू चैलते चल,
निर्भीक चित सौं जतौऽ जइहैं,
गाछ- पात सौं नेह लगविहैं,
हम छी गुड्डी, संगे- साथ,
डऽरै के छै किछ नै बात
मोन हैतौ रहि जाइ सद पल ।चल, हवा तू चैलते चल – – –
कल-कल, छल- छल नदी गुंगुऽऽय,
पर्वत -निर्झर, सेहौ हर्षाय
चिड़िया -चुन -मुन गावै भोर,
पंख पसारने, नाचै मोर,
सबहक हृदय, छै चंचल।चल , हवा तू चैलते चल – – –
जे कियोऽ आवै, हम्मर देश ,
भूलै बिसरै अप्पन देश,
भारत माँ कऽ ममता विशाल,
सबके बुझै अप्पन लाल,
जन-जन छै, सेहोऽ निश्छल।चल , हवा तू चैलते चल,
चल, हवा तू चैलते चल, चल हवा तू चैलते चल ।
उमा झा