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12 May 2023 · 1 min read

चल सतगुर के द्वार

चल सतगुर के द्वार बन्दया
चल सतगुर के द्वार।
जहां पर बरसे दया मेहर और,
मिलता साँचा प्यार बन्दया,
चल सतगुर के द्वार।

खरा या खोटा वह नहीं देखे,
फट जाते हैं कर्म के लिखे।
द्वारे उसके जो कोई जाए,
बिन मांगे ही सब कुछ पाए।
सतगुर है सरकार बन्दया,
चल सतगुर के द्वार।

होती पूरी मन्नत तेरी,
सतगुर की दर जन्नत मेरी।
दर्शन कर के बलि बलि जाऊँ,
सत्संग सुन हरि का गुण गाउँ।
सेवक बनूं टहल गुरु की
हो जाये उद्धार बन्दया
चल सतगुर के द्वार।

Language: Hindi
Tag: भजन
362 Views
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