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1 Mar 2023 · 1 min read

चल सजना प्रेम की नगरी

प्यारा सा स्पर्श तुम्हारा, मधु से मीठा प्यार
चल सजना प्रेम की नगरी,तारों के उस पार

मद्धम- मद्धम पवन चलें है, गातें गीत मल्हार
अतुलित यह प्रेम तुम्हारा, छेड़ें दिल के तार
गलें से लिपटें तेरे हाथ, लगता चंदन हार
चल सजना प्रेम की नगरी, तारों के उस पार

मृग- मरीचिका जग सारा, तोड़े दिल हर बार
पग-पग पर बिछें हैं कांटें, चुभ जातें बारम्बार
वेदना के उठें जो लहरें, साथ तेरा पतवार
चल सजना प्रेम की नगरी, तारों के उस पार

साथ तुम्हारा जब हो साजन, छूटे जग के भार
प्रेम हमारा बना रहा है, बादलों का संसार
नयनों में भर- भर जो देखों, खिलतें उर के द्वार
चल सजना प्रेम की नगरी, तारों के उस पार

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