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26 Feb 2024 · 1 min read

चल पड़ी है नफ़रत की बयार देखो

दोस्तों,
एक ताजा ग़ज़ल आपकी मुहब्बतों के हवाले दुआओं से नवाजे,,,!!!

ग़ज़ल
====

चल पड़ी है नफ़रत की बयार देखो,
बच सको, तुम बच लेना यार देखो।
=====================

धर्म का झगड़ा,ला कर सड़कों पर,
है किया कैसे,लहूलुहान दयार देखो।
=====================

चाहते हो मरना गर है मर्जी तुम्हारी,
हर कदम बैठे जल्लाद तैयार देखो।
=====================

है फिक्र न उनको अब हमारी देखो,
मत ले,चलाऐ हम पर हत्यार देखो।
=====================

चैन-अमन चुराया, सता के खातिर,
है दया गर तुम बन कर मयार देखो।
=====================

है न सुकूं अब सता में शायर “जैदि”,
छोड़ कर नफ़रत कर के प्यार देखो।
=====================

मायने:-
बयार:-हवा
दयार:-भूखंड,
मयार :-दयालु

शायर:-“जैदि”
डॉ.एल.सी.जैदिया “जैदि”

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 168 Views
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